Garima Mishra

Abstract

5.0  

Garima Mishra

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1 साल 11 महीने 13 दिन का सफर

1 साल 11 महीने 13 दिन का सफर

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शायद हमने सब कुछ सही करने की कोशिश की थी

और शायद हम कुछ नहीं कर पाये थे

हम सब तो हंसकर वहाँ से आए थे

यकीनन कुछ चेहरों की हंसी झूठी थी

हमारे बीच की तो यारी ही रुठी थी


किसी महान इंसान ने कहा है... कुत्ते पालना,

बिल्ली पालना मगर गलतफ़हमी मत पालना

उस इंसान की बातें अब समझ आती है


अक्सर जैसा दिखती है वैसा होता नहीं

हर चेहरे के पीछे एक चेहरा होता है

बहुत से राज़ छुपाए हुए बहुत से ख़्याल छुपाए हुए

हमारे चेहरे के पीछे भी है और उनके भी था

खैर गुज़रा वक्त है भूल जाना ही बेहतर है


मगर जिंदगी के कुछ साल...उसमें कुछ लोग

जो हर वक़्त हमारे साथ थे

अचानक से बदल गए अज़ीब लगता है ना

वक़्त बेवक्त याद भी आ ही जाती है

कभी साथ बिताए अच्छे पल

कभी लड़ झगड़ कर एक दूसरे से गुस्सा होना

सब याद आता है


Contacts में save कुछ numbers

जो ना तो कभी dial ही किए जाते हैं

ना हम उन्हें delete ही कर पाते हैं

कुछ यादें जिन्हें भूलने से ज्यादा दर्द याद रखने में हैं


मगर पता नहीं क्यों उन यादों को

भूलने में भी अजीब सा डर है

उनसे बात करने की बेचैनी

और फिर से hurt होने का डर

ना उन्हें याद रखने देती है

ना भूलने ही देती है


शायद कुछ रिश्तों में नफ़रत प्यार से बढ़कर होता है

और वो रिश्ते हमारे पास हैं

समझ ही नहीं आता कि सहेज़ कर रखें

या दिल के किसी कोने में दफ़न कर दें

पता ही नहीं चलता... ये यादें लिए सिर्फ हम घूम रहे हैं

या उनके जिंदगी में भी इन यादों के कुछ कतरे बचे हैं।


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