ज़िन्दगी
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी है एक उपहार,
आपका उद्धार हो गया
कमी है एक आहार,
तिमिर छा गया
चित्त पर पड़ा दुखों का प्रहार,
हृदय कठोर हो गया
जिससे हुआ है जीवन का संहार,
आपका अब अंत हो गया ।
ज़िन्दगी है एक उपहार,
आपका उद्धार हो गया
कमी है एक आहार,
तिमिर छा गया
चित्त पर पड़ा दुखों का प्रहार,
हृदय कठोर हो गया
जिससे हुआ है जीवन का संहार,
आपका अब अंत हो गया ।