क्या मिल पायेगा छुटकारा
क्या मिल पायेगा छुटकारा
बेटियों तुम घर में ही कैद रहो
बाहर दरिंदे घूमते है
लेकिन वो बेटी कहां जाए
जहां दरिंदे घर में ही बसते है
इसलिए घर में भी चौकन्ना रहना
क्योंकि बाप भाई घर में भी तो होते है
घिनौना अपराध करें वो
और शर्म से सिर तुम्हारे क्यों झुकते है
वो हैवान तो हवस की आग में
बहन-बेटियों तक को झोंकते है
लोग अंग-प्रदर्शन का बहाना बनाते है
अरे वो तो छः माह की बच्ची तक को भी कहां छोड़ते है
तन से कपड़ा हटने मत दो
समाज अश्लील ठहरायेगा
इसी अश्लीलता को वो
तुम्हारे बलात्कार की वजह भी बतलायेगा
तुम शर्म से जीती रहोगी
और वो दरिंदा एक और जिंदगी लूटने
वापस कारागार से छूट जायेगा
तब क्या करोगी
जब अपने घर में भी
तुम्हें तुम्हारा बाप-भाई सतायेगा
बहुत मुश्किल है तुम्हारा
इज्जत से जी पाना
कर सकोगी अंत
हर उस अपराधी का
अगर तुमने है ठाना
अगर तुमने है ठाना
इस हैवानियत की
अकेली सजा मौत ही होती है
क्योंकि बलात्कार के बाद भी
बेटियों की सिर्फ भयानक लाश बचती है
जो चीख-चीखकर केवल
न्याय मांग रही होती है
क्या मिल पाएगा छुटकारा
बेटियों को कैद कर घरों में
अब भी बलात्कार से
जब डर लगने लगे घरों में
अपने ही बाप भाई से ?
