ज़िन्दगी से मुलाकात
ज़िन्दगी से मुलाकात
दुनिया कहती है
कि ज़िन्दगी एक बार मिलती है।
झूठ.... बिल्कुल झूठ कहती है
ऐसा मैं नहीं मेरी माँ कहती थी।
कहती थी.....ज़िन्दगी
हर रोज़ हर कदम पर मिलती है
बस.... पहचानना पड़ता है।
ताऊ जी की टॉफ़ी की दुकान
वहाँ नन्हे बच्चे की मुस्कान
माँ के हाथ के पकवान
खूबसूरत तितली की उड़ान
नानी का पुराना मकान
देवतुल्य घर आए मेहमान
जिस किसी को भी देख कर
आ जाए चेहरे पे मुस्कान
वहीं तो है ..... ज़िन्दगी
वही तो है......जहान!