ये संदेशा पहुचाएं
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नगर नगर औ गांव गांव तक ,
ये संदेशा पहुचाएं
मुक्त प्रदूषण से धरती को,
रख के जीवन सुख पाएं ।।,
नदियां सबसे गंदी हैं तो ,
उनकी करें सफाई हम।
गंदा जल होने से रोकें,
सबकी करें भलाई हम।।
उनके घाटों पर मेले फिर,
लगें करें वो काम सदा।
ना अस्थी ना राख बहाएं ,
याद रखें अंजाम सदा।।
शुद्ध बनाकर सरिताओं के ,
कूलों को हम दिखलाएं।
मुक्त प्रदूषण से धरती को,
रख के जीवन सुख पाएं।।
अगर हवा गंदी होगी तो ,
साँसों का संकट होगा ।
पेड कटेंगे तो आबादी,
से ज्यादा मरघट होगा।।
ध्वनि प्रदूषण से बहरे हम ,
हो जायेंगे यार सुनो ।
अंधे बहरों के समाज में ,
फैलेंगे परिवार सुनो ।।
इससे पहले के डूबे सब,
बचा किनारे हम लाएं ।
मुक्त प्रदूषण से धरती को,
रख के जीवन सुख पाएं।।
शुद्ध अगर मिट्टी होगी तो,
फल पे असर पड़ेगा ही ।
चढ़ने वाला ताकतवर ,
होगा तो शिखर चढ़ेगा ही ।।
नींव अगर कमजोर रही तो,
मिट्टी में मिल जाना है ।
समय पूर्व मिट्टी होना है ,
अगर जहर ही खाना है ।।
ऐसा कोई काम करें हम,
जीवन सब का मेहकाएं ।
मुफ्त प्रदूषण से धरती को,
रख के जीवन सुख पाएं।।
पर्यावरण प्रदूषित होने,
देंगे नहीं विचारा है ।
रक्षा हर प्राणी की करना ,
हमने मन में धारा है ।।
धरती पर पेड़ों के साये ,
होंगे तो जन्नत होगी ।
बादल बरखा लायेंगे तो,
घर घर मे दौलत होगी।।
हम"अनन्त" दौलत चाहें तो,
जुल्म धरा पे ना ढाएं।
मुक्त प्रदूषण से धरती को ,
रख के जीवन सुख पाएं।।
