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Akhtar Ali Shah

Abstract

3  

Akhtar Ali Shah

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ये संदेशा पहुचाएं

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नगर नगर औ गांव गांव तक ,

ये संदेशा पहुचाएं

मुक्त प्रदूषण से धरती को,

रख के जीवन सुख पाएं ।।,


नदियां सबसे गंदी हैं तो ,

उनकी करें सफाई हम।

गंदा जल होने से रोकें,

सबकी करें भलाई हम।।

उनके घाटों पर मेले फिर,

लगें करें वो काम सदा। 

ना अस्थी ना राख बहाएं ,

याद रखें अंजाम सदा।।

शुद्ध बनाकर सरिताओं के ,

कूलों को हम दिखलाएं।

मुक्त प्रदूषण से धरती को,

रख के जीवन सुख पाएं।। 


अगर हवा गंदी होगी तो ,

साँसों का संकट होगा ।

पेड कटेंगे तो आबादी,

से ज्यादा मरघट होगा।।

ध्वनि प्रदूषण से बहरे हम ,

हो जायेंगे यार सुनो ।

अंधे बहरों के समाज में ,

फैलेंगे परिवार सुनो ।।

इससे पहले के डूबे सब, 

बचा किनारे हम लाएं ।

मुक्त प्रदूषण से धरती को,

रख के जीवन सुख पाएं।।


शुद्ध अगर मिट्टी होगी तो,

फल पे असर पड़ेगा ही ।

चढ़ने वाला ताकतवर ,

होगा तो शिखर चढ़ेगा ही ।।

नींव अगर कमजोर रही तो,

मिट्टी में मिल जाना है ।

समय पूर्व मिट्टी होना है ,

अगर जहर ही खाना है ।।

ऐसा कोई काम करें हम,

जीवन सब का मेहकाएं ।

मुफ्त प्रदूषण से धरती को,

रख के जीवन सुख पाएं।।


पर्यावरण प्रदूषित होने,

देंगे नहीं विचारा है ।

रक्षा हर प्राणी की करना ,

हमने मन में धारा है ।।

धरती पर पेड़ों के साये ,

होंगे तो जन्नत होगी ।

बादल बरखा लायेंगे तो,

घर घर मे दौलत होगी।।

हम"अनन्त" दौलत चाहें तो, 

जुल्म धरा पे ना ढाएं।

मुक्त प्रदूषण से धरती को ,

रख के जीवन सुख पाएं।।



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