ये पूछने का मन है
ये पूछने का मन है
उसके शहर जाकर किस हाल में हो
ये पूछने का मन है,
अब तक क्या तुम भी उस साल में हो
ये पूछने का मन है,
जवाब हर बात के दिए मैंने
ज़िन्दगी को बड़ी ख़ामोशी से
सुनो आखिर तुम कौन से सवाल में हो
ये पूछने का मन है,
साथ छूटे, राह छूटी
और निशान उस हादसे का है अब तक
अब तक क्या तुम भी उस मलाल में हो
ये पूछने का मन है,
रिश्ते, पहरा, पाबंदी
मुझे सब खबर है कि कहाँ उलझे हो
अरे छोड़ो तुम भी किस जंजाल में हो
ये पूछने का मन है।