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Dinesh Pandey

Action

3  

Dinesh Pandey

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ये देश है वीर जवानों

ये देश है वीर जवानों

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रणबाँकुरा रण में जाता,

देश का अभिमान रे।

धन्य धन्य वह धरती मेरी

जिसकी तुझ से शान रे।


मातृ भूमि भी पुलकित होती

पा कर ऐसे लाल को,

देश के सरताज को।


भय, संताप दूर भाग जाता,

इनके सन्मुख आन से।

रूह काँप जाती दुश्मन की,

सोच अपने अंजाम को,

इनके सिंह नाद को।


ऊँचे ऊँचे पर्वत ऊपर,

रखता राष्ट्र ध्वज का मान को,

देश का स्वाभिमान को।


शीश मुकुट के शान हो,

देश के रहमान हो तुम।

क्या कहूँ तुम्हें

शौर्य का प्रमाण,

या कहूँ भगवान,

भाग्य विधाता कह लूँ,

या पालनहार।


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