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Shri krishna Yadav

Abstract

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Shri krishna Yadav

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यात्रा

यात्रा

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अब हम सफ़र करते हुए सफ़र में कहां होते हैं 

गाड़ी तो चल रही पर हम गाड़ी में कहां होते हैं 


हमारी निगाहें मोबाइल पर एक टक और

हम नेट पर जुटे होते हैं पड़ोस का व्यक्ति

तड़प रहा प्यासा हम लेते रहते हैं ख़बर पूरी दुनिया का 


गुजर जाते हैं सौंदर्य के हजारों दृश्य 

हमारी निगाहें नहीं जाती खिड़की से बाहर 


बिना विलंब आ जाता है पर्यटन का लक्ष्य हमें नहीं दिखते 

वहां के अद्भुत नजारे दिखता है तो बस डिजिटल स्क्रीन 

और हम चले जाते हैं उसी के सहारे धीरे-धीरे,धीरे-धीरे 


हमें नहीं सुनाई देती गाइड की आवाजें 

सुनाई देती हैं तो बस कैमरे की आवाजें 


हम नहीं जानना चाहते वहां का इतिहास हमें चाहिए

कुछ तस्वीरें जिसे हम पोस्ट कर रहे होते हैं 

अब जानने की मंशा से हम पर्यटन पर कहां होते हैं।


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