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सोनी गुप्ता

Inspirational

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सोनी गुप्ता

Inspirational

यादगार लम्हें जिंदगी के

यादगार लम्हें जिंदगी के

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जाने कितनी यादें मन की देहरी पर आकर चली गई

उन यादों को उन लम्हों को क्यों न आज फिर याद करें

सबकी खुशियों में खुशी हमने मनाई कितनी देखो आज

वो खुशियाँ फिर मेरे आँखों के सामने यूँ घिर आई हैं।


जिंदगी की वो कड़ी धूप भी अपनों संग ठंडी लगती थी

सुबह भी अच्छी होती चाहे वो रात भर बातों से जगती थी

अपनों का प्यार और तकरार जीवन का गुलदस्ता है

जिसमें रंग -बिरंगे फूल लगे देख -देख मन खुश होता है।


इस छोटी सी बगिया में तब पतझड़ भी सावन लगता था

दुःख मिलकर सब बाँट लेते खुशियों का सिर्फ बसेरा था

प्रश्न नहीं होते थे मन में हमें उत्तर सबके मिल जाते थे

आज प्रश्नों के उत्तर खोजने में ही जीवन उलझ गया है।


सब दिन बीत जाते हँसते -गाते रोना याद न हमें रहता था

वो प्यारे -प्यारे लम्हें जीवन के आज भी याद आ जाते है

साथी संगी रिश्ते नाते सब अपने अपने से ही होते है

जिन संग हम आज भी उन प्यारे लम्हों को याद करते हैं।


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