STORYMIRROR

Sheelu Megha

Romance

4  

Sheelu Megha

Romance

यादें

यादें

1 min
309


उनके शहर में कदम आज ठहर सी गयी है

कुछ यादें आज फिर महक सी गयी है

रहते थे हम भी किसी की पलकों में कभी

आज वही नज़र कहीं खो सी गयी है

कभी होती थी वो तो होती थी रोशनी

रूठा है आज चांद और उसकी चांदनी

कैफे में बैठकर यूं ही तेरा मुस्कुराना

बोलते - बोलते फिर खुद ही शर्माना

बैठे- बैठे सपनों में मेरा अक्सर खो जाना

प्यार की थपकी देकर फिर मुझे जगाना

जहां बिताएं थे खुशी के सारे पल

तड़पकर रह जाता हूं आज वहीं हर पल

आया हूं तेरी यादों को दिल में छुपाए

आ जाओ तुम फिर एक बार नज़रों को झुकाए।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance