Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

PARMOD KUMAR

Inspirational

3.6  

PARMOD KUMAR

Inspirational

यादें(गौरेया)

यादें(गौरेया)

1 min
570



वो फुदक-फुदक गौरैया का,मेरे आंगन ,में आना।

चहचहाना, वो शर्माना,अट्टा पे मेरे,फुदक जाना।।

पानी की भरी, कटोरी में,कलरव करके,यूँ मुस्काना।

न जानें,कहाँ,गये वो दिन,धूमिल है, नजरों में आना।।

न जानें कहाँ गये---


जब ले अवलंबन,कंधों का,नीड खंगाला,करते थे।

भान नहीं,हमको,था ये,ममता का हृदय,दुखाते थे।।

अंक में लेकर,चुपके से,हृदय से, उन्हें सहलाते थे।

ये देख नज़ारा, ममता की,आंखों में अश्रु,भरते थे।।

भान नहीं हमको---


रे मानव!क्या विकास हुआ? अपनों का हनन,किया हमनें।

प्रकृति की सुंदर,रचना को,निज स्वार्थ,अलोप किया हमनें।।

झमादान मिल जायेगा? ऐसे भयंकर कु-कृत्य का ।

कैसे-कैसे प्रपंच रचे,मानवता का हनन,किया हमनें।।

कैसे-कैसे प्रपंच----


वो कलरव भ्रमित,सुना मैंने, इक गौरैया, मेरे अंगना ।

जब आंख खुली,देखा मैनें,था,वही पुराना, इक सपना ।।

न जानें कहाँ-----

न जानें कहाँ-----



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational