STORYMIRROR

PARMOD KUMAR

Children Stories Inspirational Children

4  

PARMOD KUMAR

Children Stories Inspirational Children

*आशा*

*आशा*

1 min
407


मैं छोटा सा बालक, मेरे नन्हें-नन्हें हाथ।

कलम हाथ माँ देदो मेरे,मैं बन जाऊं साब।।

वीर बनूँ मैं भारत-भू का,है मेरी ये आस।

दुश्मन को मैं धूल चटा दूँ, नया लिखूं इतिहास।।

 मैं छोटा सा बालक.......


तूफानों से लड़ने का,अब है मुझमें विश्वास।

बनूँ भगतसिंह, लौहपुरूष, है मन का आगाज़।।

खूं की गर्मी पिघला देगी,दुश्मन का फौलाद।

भारत माँ तेरी रक्षा में,मरूं-जिऊँ दिन रात।।

मैं छोटा सा बालक........


सच्चाई की डगर चलूं, मैं लेकर सबका साथ।

सबके मन का बैर मिटा दूँ, बहे प्रीत की धार।।

माँ बहनों का आँचल बन,रक्षक हूँ सबकी आन।

नव-भारत की नींव बनूँ,जग मिले नई पहचान।।

मैं छोटा सा बालक.......


व्यभिचारी,आतंकी का मैं, करूँ समूल विनाश।

अनपढ़ता,बेकारी छूटे, ज्ञान की बहे ब्यार।।

हैं शिक्षक,वैज्ञानिक, प्रहरी,हम बालक भगवान।

ज्ञान की ज्योत जला दो उर में,दो ऐसा वरदान।।

मैं छोटा सा बालक........

 दुश्मन को मैं धूल..........



Rate this content
Log in