वतन पर जान जो कुर्बान करते हैं
वतन पर जान जो कुर्बान करते हैं
सभी हम देशवासी मान करते हैं
वतन पर जान जो कुर्बान करते हैं।
मिटे जो देश के खातिर जमाने में,
सभी उन पर यहाँ अभिमान करते हैं।
कटा सकते मगर झुकता नहीं माथा,
यहाँ के वीर ऐसी आन करते हैं।
हमारे देश के खातिर बने दुश्मन,
उन्हें वे मारकर बेजान करते हैं।
करें जीवन समर्पित देश को जितने,
शहीदों का यहाँ सम्मान करते हैं।
वही सच्चे हुए चारण ज़माने के,
जो वीरों का सदा यशगान करते हैं।