वसुधैव कुटुंबकम्
वसुधैव कुटुंबकम्
सकल जगत
जय गान करू इस माटी का
जिस में हमने जन्म लिया
सुख शांती से सब जीवन जिएं
बसे हर प्राणी में राम
है धर्म हमारा सुन्दर संसाधन
जिसकी धरातल पर
होता आध्यात्म का विचरण
जीवन का दर्शन दर्शाता
रिश्वतों , मर्यादा का भान
करता पग-पग मार्ग दर्शन
सब मीत, मित्र ,बंधुजन
खुशी, उल्लास से जीवन जीना
प्रेम का कर विस्तार
विश्व में सकल जगत को
समझो अपना ही परिवार
इस माटी का संदेश यही
"वसुधैव कुटुंबकम् "
सब प्रभु की सन्तान
भाईचारे से रहे सब
सब को दे जीने का अधिकार।
