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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Abstract

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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

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वृक्षारोपण

वृक्षारोपण

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चल चला आरा पेड़

धरा का शृंगार मिटा,

आपदाएं आ रही हैं

छायी दुखों की घटा।


रोती शृंगार बिना मां

अपनों ने हाल किया,

मां का शृंगार मिटाने

मुझ पर जीवन लिया ?


जब मेरा शृंगार मिटे

विपत्ति खूब आएंगी,

ना करना भरोसा मेरा

मै नहीं बचा पाऊंगी।


जीना चाहे पेड़ लगा

कर देना मेरा शृंगार

तब मैं तेरी माता बन

कर सकती तुम्हें प्यार।


एक पेड़ एक जन का

यही फर्ज निभाना है

गर जीवन बचाना है

पेड़ जरूर लगाना है।


मां की करुण पुकार है

सोच मत चलाना आरा,

धरा पर पेड़ लगाने से

मान सम्मान बढ़े हमारा।


जो नहीं पेड़ लगायेगा

जन पापी कहलाएगा,

पेड़ पौधे लगाकर जन

सृष्टि को बचा पाएगा।


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