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वृक्ष

वृक्ष

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पेड़ है तो हमारी तुम्हारी

फलों की आस है

नहीं है तो दुनिया

फलों के लिए निराश है


इसे बचा कर रखो

ना काटना इसे

इसी से कल और आज है


सुखी बंजर भूमि को देखना

पानी का कितना रहता तलाश है

इसे ना काटना बंधु सखा

यह मृत्यु का पर्याय हैं।


यह वृक्ष है तो

चलता मेरा तेरा स्वाश है

नहीं तो यह दुनियां

अन्य ग्रह के समान है।


इसे बचा कर रखना बंधु

तेरा मेरा काम है

प्रलय का बस यही एक

तेरा मेरा समाधान है।


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