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Richa Baijal

Abstract

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Richa Baijal

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तेरे पापा

तेरे पापा

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तेरे नन्हे से कदमों में जीवन है मेरा 

तुझसे दिल का रिश्ता है मेरा 


तू इक पहचान मेरी, तुझमे बसती है जान मेरी 

तेरे हर एहसास से मिलता रहा हूँ मैं 


तेरी धड़कनोंं को सुनता रहा हूँ मैं  

न जाने कब से तेरे आने की राह तकी है


तू मेरे ख़्वाबों की ज़मीन है 

तेरे जन्म की ख़ुशी से खुश हो गया हूँ 


मैं अब 'पापा' बन गया हूँ

अनजान सी आंखों से दुनिया को देखेगा तू 


मेरी बाँहों में जी भर कर खेलेगा तू 

ख़ुशी की किलकारी भरता तू 


जी भर कर यूँ हँसता तू 

नन्हे -से पैरों से जब चलेगा तू 


मेरे जीवन में न जाने कितने रंग भरेगा तू 

पापा - पापा कहकर नित नयी शरारत करेगा तू 


मुझमें मेरा ही अक्स बनकर मुझसे रोज़ मिलेगा तू।


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