"वृक्ष "
"वृक्ष "


साँसों के रक्षक वृक्ष हमारे,
देते जीवनदान।
वृक्ष लगाओ मेरे प्यारे,
कारज करो महान।
किन्नी सौणी धरती लागे,
चहुँ ओर हरियाली।
गाती झुमेलो चौमासे में,
नार लगे अलबेली।
तन-मन भीगे सौणा लागे,
मधुर करे हैं गान।
वृक्ष लगाओ मेरे प्यारे,
कारज करो महान।1।
साँसों के रक्षक वृक्ष हमारे,
देते जीवनदान।
वृक्ष लगाओ मेरे प्यारे,
कारज करो महान।
हरे-भरे हैं पेड़ हमारे,
देते फल औ फूल।
प्राणवायु भी देते प्यारे,
मानव तू मत भूल।
शृंगार धरा के वृक्ष हैं सारे,
कर ले तू संज्ञान।
वृक्ष लगाओ मेरे प्यारे,
कारज करो महान।2।
मानव का कर्त्तव्य यही है,
कर ले वृक्षारोपण।
इन पर साँसे टिकी हुई हैं,
कर ले निज कल्याण।
पथकी पथिक थकान मिटाले
मत कर तू अभिमान।
वृक्ष लगाओ मेरे प्यारे,
कारज करो महान।
साँसों के रक्षक वृक्ष हमारे,
देते जीवनदान।
वृक्ष लगाओ मेरे प्यारे,
कारज करो महान।
वृक्ष बचेंगे राष्ट्र बचेगा,
कर तू ऐसा काम।
दश पूतों सम वृक्ष लगेगा,
बरसेंगे तब राम।
खुशियोः से तव जीवन होगा,
पायेगा सम्मान।
वृक्ष लगाओ मेरे प्यारे,
कारज करो महान।4।
साँसों के रक्षक वृक्ष हमारे,
देते जीवनदान।
वृक्ष लगाओ मेरे प्यारे,
कारज करो महान।