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Dinesh Dubey

Abstract

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Dinesh Dubey

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वृद्ध दिवस

वृद्ध दिवस

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बिन बुजुर्ग ये दुनिया नहीं,

उनकी कदर करना सीखो,

कुछ दिन के मेहमान हैं वो 

उनके चरण थाम के रखो,


आज उनका तिरस्कार करोगे 

कल तो तुम भी बुजुर्ग बनोगे,

जो बोओगे वही फल मिलेगा 

कांटों के बदले न फूल मिलेगा,


आखिर ये हमारे जन्मदाता हैं 

हमारे लिए तो साक्षात विधाता है,

इनको करो हरदम सम्मान 

तर जायेंगे हम सब भी इनके 

सहारे इनके आशीर्वाद के।।



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