वोह कुछ ऎसा इश्क करती हैं
वोह कुछ ऎसा इश्क करती हैं
मेरे आने पर वो भी ऑनलाइन आती है
बातें कुछ होती नही हैं
मगर जबतक मैं ऑनलाइन रहूं वोह भी ठहर जाती है
वोह कुछ ऐसा इश्क करती हैं
घंटो बीत जाते हैं दोनो ऑनलाइन होते हैं
गुप्त संदेश देती है लेकिन चुप चाप रहती हैं
मेरे पूछने पर भी कुछ बताती नही हैं
तुम्हारा इंतजार रहेगा येह बात भी उसके होटों पर ठहरी हैं
वोह कुछ ऐसा इश्क करती हैं
गर ऑनलाइन स्टेट्स टाइपिंग... मे बदल जाये तो
यह पूर्ण जीवन कम पडे उसे प्रेम करने में
वोह कुछ ऎसा इश्क करती है।

