वो स्वतंत्रता के मारे थे
वो स्वतंत्रता के मारे थे
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कुछ लोग वो सीधे-साधे थे
कुछ लोग वो भोले भाले थे
भारत की आजादी के लिए
सूली पर चढ़ने वाले थे
मां की आंखों के तारे थे
वो क्रांतिकारी के नारे थे
कर गए अमर इस धरती को
भारत मां के रखवाले थे
चाहे हिंदू थे चाहे मुस्लिम थे
सब एक दूजे के सहारे थे
आपस में एकता इतनी थी
ये प्रेम गीत सब गा रहे थे
हम आपस में भाई भाई
मिलजुल कर हाथ बढ़ा रही थे
कैसे वो गुलामी से निकले
कई रणनीति अपना रहे थे
थी सबकी बस एक अभिलाषा
वो स्वतंत्रता के मारे थे
कुछ लोगों सीधे साधे थे
कुछ लोग भोले भाले थे
भारत की आजादी के लिए सूली पर चढ़ने वाले थे।