भारत मां की गोदी
भारत मां की गोदी
भारत मां की गोदी लगती बड़ी सुहानी है
इस मिट्टी में बीता बचपन बीती मेरी जवानी है
ठंडी ठंडी हवा यहां पर झरनों का बहता पानी है।
वीर यहीं पर बड़े हुए कई गाथाओं की कहानी हैं।
खूब लड़ी मर्दानी है वो झांसी वाली रानी है।
भारत मां की गोदी लगती बड़ी सुहानी है।
कितनी पावन धरती अपनी प्रेम भरी निशानी है
हर पल खेतों की हरियाली उन पर जान लुटानी हैं
भारत मां की गोदी लगती बड़ी सुहानी है
रंग बिरंगे फूल यहां पर हंसते चेहरों की कहानी है।
इसको सबसे आगे बढ़ाएं सबने मन में ठानी हैं
भारत मां की गोदी लगती बड़ी सुहानी है इसकी
मिट्टी में बीता बचपन बीत मेरी जवानी है।