.वो सतरंगी रंग भर गई
.वो सतरंगी रंग भर गई
बेरंग सी जिंदगी में "वो" सतरंगी रंग भर गई
एक नकचढ़ी नजरों से छूकर अमर कर गई .
नशीली नज़रों से वह प्रेम की मय पिला गई
एक कातिल मुस्कान हमें फिर से जिला गई.
जुल्फों के पेंच खोलकर उलझन और बढ़ा गई
कंगना चूड़ी खनकाके दिल की धड़कन बढ़ा गई .
मीठी मीठी बातें कर के हाय मेरा दिल चुरा गई
एक झलक दिखला कर के सबके होश उड़ा गई .
सोये हुए अरमानों को एक झटके में जगा गई
ख्वाबों में आकर के एक प्रेम कहानी बना गई .
इस सूने से दिल में वह अब अपना घर कर गई
बेरंग सी जिंदगी में "वो" सतरंगी रंग भर गई.