STORYMIRROR

Sumit. Malhotra

Abstract Action

4  

Sumit. Malhotra

Abstract Action

वो मीठी छुरी।

वो मीठी छुरी।

1 min
370

जीवन में वो मीठी छुरी बचपन से अब तक, 

काट रही कैसे मेरे भरोसे को देखो अब तक। 


जिसने मतलब निकालना हो वो बुलाया करें, 

काम निकलने पर विश्वासघात वो हमेशा करें।


जीवन में ऐसे लोग किसी को बहुत ज़्यादा मिले, 

जीवन में ऐसे लोग किसी को बहुत कम भी मिले। 


इन लोगों को आपकी भावनाओं की कोई कद्र ना, 

इन लोगों को बस अपना स्वार्थ सदा पहले देखना। 


ये हमारे पड़ोसी और किरायेदार भी हो सकते दोस्तों, 

ये हमारे मकान-मालिक या करीबी रिश्ते होते दोस्तों। 


मुंह पर तो ऐसे लोग सदा हमारी तारीफ़ किया करते, 

पीठ पीछे हमारी सबसे बुराई सदा ही ये किया करते।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract