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अजय पटनायक

Inspirational

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अजय पटनायक

Inspirational

वन्देमातरम

वन्देमातरम

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*221 2122 221 2122*

*काफ़िया-आरा*

*रदीफ़-वतन हमारा*

आबाद है ज़हां से प्यारा वतन हमारा।

गुलज़ार ये चमन है न्यारा वतन हमारा।

हर भारतीय झुकता माथा यहाँ टिकाने।

झंडा यहाँ लहरता सारा वतन हमारा।।

प्राचीर मांगती है आहुति परंपरा है।

तुम ईंट हो जहाँ का गारा वतन हमारा।।

बन आग बाँटती है दुश्मन चिता जलाने।

तुम राख हो हवन का ज़ारा वतन हमारा।।

गीता भजन जहाँ पर कुरआन बाइबिल है।

गंगा जहॉं बहे वो धारा वतन हमारा।।

हर धर्म मानता है बस प्यार जानता है।

 तुम साथ दिल मिला लो यारा वतन हमारा।।

फहरे सदा तिरंगा सूरज बना गगन में। 

बन चाँदनी सजो तुम तारा वतन हमारा।।


जयगान तुम लगा लो माँ भारती पुकारे।

जय हिंद मातरम ही नारा वतन हमारा।।



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