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Sonias Diary

Drama

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Sonias Diary

Drama

वक़्त

वक़्त

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वक़्त चल रहा है 

हाथों से निकल रहा है 

बोले तुम कमसीन कली हो 

झूमो नाचो और नचाओ


 वक़्त चलता गया 

और एक वक़्त आया 

कली ब्याहता बन गयी 

तुम रुको झूमो नाचो नहीं

शांत रहो चुप रहो


वक़्त तब भी थमा नहीं 

वो तो बस गुज़रता गया 



माँ बनी माँ से नानी 

वक़्त चल रहा था तब भी 


श्वास भी थमी नहीं थी 

वो भी तो तब से ही 

चल रही थी 


काया बदली रंग रूप बदला 

रिश्ते नाते सब बदल गए 

बस वक़्त जो था वो 

चलता गया 

अपनी सुई और घंटों 

में आगे वो बड़ता गया 



श्वास और वक़्त का 

क्या अनमोल सा है रिश्ता 

कोमल इन हाथों से 

वक़्त है बीतता जाता 

और सुनहरी इस काया से 

ये श्वास है छूटता जाता


ज़िंदगी का सोनिया यही है खेला 

ये जो वक़्त है ना 

कभी किसी के हाथ नहीं आता

कभी किसी के हाथ नहीं आता ।।



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