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Brajendranath Mishra

Inspirational

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Brajendranath Mishra

Inspirational

वक्त के साथ कुछ वक्त बिताता हूँ

वक्त के साथ कुछ वक्त बिताता हूँ

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आ तुम्हें घड़ी की टिक-टिक सुनाता हूँ,

चलो वक्त के साथ कुछ वक्त बिताता हूँ।


समय जो निकल गया लौट आएगा फिर,

इसी ग़लतफहमी में ख़ुशियाँ मनाता हूँ।


दस्तक देता है समय, अवसरों के साथ

उनसे अनजान अपनी पहचान बनाता हूँ।


घड़ी का क्या वो तो निकलता जाएगा।

रेत भरी मुट्ठियों में जुगनू सजाता हूँ।


समय के पार कोई न निकला है कभी,

उसी दायरे में खुशी के पल चुराता हूँ।




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