वक्त के हूं सामने खड़ा
वक्त के हूं सामने खड़ा
मैं वक्त के हूं सामने खड़ा
चट्टानों की तरह
दे रहा हूं चुनौती उसे
कर रहा हूं पहाड़ हौसलों का खड़ा
वक्त समझता है
मैं कमजोर पड़ जाऊंगा
वक्त के उन चुनौतीयों के सामने
मैं हार मान जाऊंगा
हो चाहे कितनी भी मुश्किलें
तुम हार को कभी स्वीकार न करना
जीत को तुम हारने न देना
नहीं सिखाया मुझे वक्त ने हारना
मैं वक्त के हूं सामने खड़ा
जीत की उन मंजिलों को लिए
हार ना मानूंगा मैं तब तक
जब तक वक्त को ना हराऊ मैं!