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Akhtar Ali Shah

Inspirational

4  

Akhtar Ali Shah

Inspirational

विश्वयुद्ध पानी की खातिर

विश्वयुद्ध पानी की खातिर

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गीत

विश्वयुद्द पानी की खातिर

*

दिन दिन पानी घटता जाता, 

कहाँ कहाँ से लाओगे।

विश्वयुद्ध पानी की खातिर, 

हुआ अगर पछताओगे।।

*

तरस रहा हर घर पानी को,

बरबादी ये लाएगा ।

मीलों दूर से पानी लाना ,

कितने दिन चल पाएगा।।

जलबिन मछली सा जीवन तुम, 

क्या बोलो जी पाओगे।

विश्वयुद्ध पानी के खातिर, 

हुआ अगर पछताओगे।।

*

भू जल नीचे सतत जा रहा, 

रोको कुछ उपचार करो।

अरे मतलबी लोगों समझो,

मत पैरों पर वार करो।।

पानी को पाताल भेजकर,

कब तक खुशी मनाओगे। 

विश्वयुद्ध पानी की खातिर,  

हुआ अगर पछताओगे।।

*

पानी खेतों में रोको तुम ,

गांव गांव तालाब बनें।

पेड़ लगाओ घर घर में सब,  

जंगल करदो खूब घनें।।

जब बादल बरसात करेंगे,

तब धरती हरियाओगे,

विश्वयुद्ध पानी के खातिर,

हुआ अगर पछताओगे।।

*

मौसम का दिनरात बदलना, 

है सबको ललकार रहा।

जल जंगल का दोहन भारी,

देखो कोप उतार रहा।।

इस गुस्से को शांत करोगे, 

तो खुशियां घर लाओगे।

विश्वयुद्ध पानी के खातिर, 

हुआ अगर पछताओगे।।

*

जितनी लगे जरूरत उतना, 

पानी लोगों खर्च करो।

नहीं निकालो हद से ज्यादा, 

भूजल करते पाप डरो।।

अगर नहीं पापी कहलाए, 

तो चेहरे उजलाओगे।

विश्वयुद्ध पानी के खातिर, 

हुआ अगर पछताओगे।।

*

असंतुलित विकास की आंधी,

तुमको कहीं ना छोडेगी।

दौलत से घर भर देगी पर,

तन से लहू निचोडेगी।।

जल जीवन के बिना जिंदगी, 

एक दिन नर्क बनाओगे।

विश्व युद्ध पानी के खातिर, 

अगर हुआ पछताओगे।।

*

बूंद बूंद पानी का संचय,

करो ये पानी जीवन है। 

बचत करो इससे अच्छा तो, 

नहीं कहीं कोई धन है।।

इस धन की तुम कद्र करोगे, 

तो "अनंत" तर जाओगे। 

विश्वयुद्ध पानी के खातिर,

हुआ अगर पछताओगे।।

*

अख्तर अली शाह "अनंत"नीमच

9893788338


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