"विश्व चाय दिवस"
"विश्व चाय दिवस"
यह चाय होती सच में बहुत ही लाजवाब है
मिलने, मिलाने का देती, बंधुत्व आफताब है
जो चाय, पीते ओर पिलाते है, वो जानते है
चाय कर्मवीरों के पूरे करती, सब ख्वाब है
चाय का ज़माने में न कोई भी जवाब है
चाय तो सुस्ती का करती गला खराब है
चाय तो चुस्ती-फुर्ती देने का वो नाम है
चाय आलस्य की खत्म करती किताब है
चाय नाराजगी का मिटाती इंकलाब है
चाय से बढ़ता, आपसी प्रेम लाजवाब है
चाय का नशा कम, नहीं कोई शराब है
जिसके सर चढ़े, खुद को समझे नवाब है
ये चाय की आदतें भी होती बड़ी खराब है
बिना साथ के चाय पीना, गुनाह ए जनाब है
चाय तो हम मित्रो लोगो की होती जान है
जो मित्रों को चाय पिलाये, सर्वोत्तम इंसान है
चाय तो कलियुग का, अमृत पेय नायाब है
चाय पिये-पिलाये, सुधारेगी रिश्ते खराब है
चाय तुझको साखी का झुककर आदाब है
चाय तू भाईचारा बढ़ाने का पेय लाजवाब है