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अनामिका वैश्य आईना

Inspirational Thriller

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अनामिका वैश्य आईना

Inspirational Thriller

विरहिन को ईश्वर दर

विरहिन को ईश्वर दर

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खाली-खाली दिल को एहसासों से भर देता है। 

हाँ एक दीवाना मुझको भी दीवाना कर देता है।


बातों और अठखेलियों से दिल मेरा लुभाता-

प्यार और खुशियों से मेरा दामन तर देता है।


वक़्त बिताता संग मेरे ग़म सभी बाँट लेता हैं-

मेरी खुशी वापस लाने को सभी पहर देता है।


मेरे नैनों में नमी उसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं है-

लाख प्रयासों से मुझे हँसने के अवसर देता है।


ख़ुद परेशान कभी जो हो तो बाहों में लेकर-

सारी परेशानियां पल में मन से टर देता है।


ए सखी मेरी ! निःशब्द हूँ कैसे तारीफ़ करूँ-

जानो, जैसे विरहिणी को वो ईश्वर दर देता है।


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