विजयपथ
विजयपथ
विजय पथ तलाशती
मैं करती निरंतर अभ्यास
हार तो न स्वीकार्य होगी
मेरी पथ प्रदर्शक प्रयास
बन्धन तोड़ नाउम्मीदी के
रख ले दिल में एक कयास
विजय पथ तलाशती
मैं करती निरंतर अभ्यास
रोक न पाउंगी स्वयं को भी
भरी जो मन में एक आस
पल-पल पग-पग बढ़ती जाऊं
रखूँ ध्यान समय का अहसास।
