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ASHISH SHARMA

Inspirational

4  

ASHISH SHARMA

Inspirational

विज्ञापनों की ठगी)

विज्ञापनों की ठगी)

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किसी की मेहनत का पैसा, 

हराम का समझ के मत धरो।

ऐ मेरे देश के जालसाज़ वासियों, 

नौकरी के नाम पर ठगी तो मत करो।

गरीब कमाता है पैसा, 

अपना पेट पालने के लिए। 

तुम विज्ञापन छाप देते हो, 

उसकी जेब हांकने के लिए।

वो मूर्ख अनपढ़ से आठवीं पास, 

तुम्हारी ओर खींचा आता है। 

फोन करते हो बुलाते हो, 

वो सारा धन छोड़ जाता है। 

रोता, बिलखता है, 

और तड़फती है आत्मा।

 फिर याद आता है उसे, 

वो शंकर परमात्मा।

हर चीज से मोहताज व्यक्ति के,

ऋण से जेब को मत भरो। 

     

ऐ मेरे देश के जालसाज़ वासियों, 

नौकरी के नाम पर ठगी तो मत करो ।   

   

किसी की मेहनत का पैसा, 

हराम का समझ के मत धरो।  

ऐ मेरे देश के जालसाज़ वासियों, 

नौकरी के नाम पर ठगी तो मत करो।


जिस दिन भगवान धरती पर आएगा। 

उस दिन तुम्हारा नाम मिट जाएगा। 

तुम लड़ोगे लड़ाई पर कोई, बचाना पाएगा। 

फिर लेयेगा वो पल पल का हिसाब। 

उस दिन हो जायेगी तुम्हारी बंद किताब।    

गरीबों को लूटने वालो, 

तुम कुत्ते की मौत मरो। 

ऐ मेरे देश के जालसाज़ वासियों, 

नौकरी के नाम पर ठगी तो मत करो ।  


किसी की मेहनत का पैसा, 

हराम का समझ के मत धरो।

ऐ मेरे देश के जालसाज़ वासियों, 

नौकरी के नाम पर ठगी तो मत करो।


तुम्हारे इन पर प्रचारों का, 

वादा झूठा है। 

दीवारों पे चिपका- चिपका के तुमने, 

इस देश को लूटा है। तुम्हारी सजाए मौत का, 

बांध दिया मैंने खूंटा है।

इस शर्म के मारे हर गरीब,

हर पशु, हर पक्षी, 

और जन्नत का हूर, भी तुमसे रूठा है।

अरे अहंकारी और किसी से नहीं, 

उस खुदा से तो डरो, 


ऐ मेरे देश के जालसाज़ वासियों, 

नौकरी के नाम पर ठगी तो मत करो।

   

किसी की मेहनत का पैसा, 

हराम का समझ के मत धरो। 

ऐ मेरे देश के जालसाज़ वासियों,  

 नौकरी के नाम पर ठगी तो मत करो।

 


   


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