भाऊराव महंत
Thriller
अंगारों में आग लगा दें, ऐसा कुछ कर जाते हैं।
पानी की भी प्यास जगा दें, ऐसा कुछ कर जाते हैं।
अपने सैनिक समर भूमि में भारत माता की ख़ातिर
आँधी को भी फूँक भगा दें ,ऐसा कुछ कर जाते हैं।
होली दोहा
आज हम होली मे...
होली दोहा 05
होली दोहा 03
होली दोहा 01
होली हाइकू
होली कुंडलिया...
ना जश्न में, ना त्योहार में, ना जलसे में, फिर भी है। ना जश्न में, ना त्योहार में, ना जलसे में, फिर भी है।
बस कागज में रहा सम्मान, पीटता देखा आज किसान। बस कागज में रहा सम्मान, पीटता देखा आज किसान।
छोटे कपडे पहनने में बुराई है क्या रात में ऑफिस में काम करना गुनाह है छोटे कपडे पहनने में बुराई है क्या रात में ऑफिस में काम करना गुनाह है
मेरी उम्मीदों का सफर है तू, यूं ही न मुझको रुलाया कीजिए। मेरी उम्मीदों का सफर है तू, यूं ही न मुझको रुलाया कीजिए।
समाज में शादी को देख लगता है कि मैं अपने मां-बाप पर कोई बोझ हूं। समाज में शादी को देख लगता है कि मैं अपने मां-बाप पर कोई बोझ हूं।
इन सबके उन्मूलन में क्यों सदियों से गती मंद है। इन सबके उन्मूलन में क्यों सदियों से गती मंद है।
एक तुम हो कि मेरी कुछ सुनी ही नहीं एक मैं हूँ जो सब कुछ तुम्हें कह गया। एक तुम हो कि मेरी कुछ सुनी ही नहीं एक मैं हूँ जो सब कुछ तुम्हें कह गया।
देश खुशहाल हो है यह मनोकामना गृहस्थ सुखी हों है मंगलकामना। देश खुशहाल हो है यह मनोकामना गृहस्थ सुखी हों है मंगलकामना।
बंद करो सुनी सुनाई बातों को आज से इतिहास की किताबें खोल बैठो अपने आंगन को। बंद करो सुनी सुनाई बातों को आज से इतिहास की किताबें खोल बैठो अपने आंगन को...
हर बलात्कारी की रूह कुचल कर रखने वाली, हाँ मैं भी एक नारी हूँ। हर बलात्कारी की रूह कुचल कर रखने वाली, हाँ मैं भी एक नारी हूँ।
चाँदनी रात भी अमावस की तरह हो गया और क्या, उस दिन तो चाँद ही मेरे लिए बैरी निकला। चाँदनी रात भी अमावस की तरह हो गया और क्या, उस दिन तो चाँद ही मेरे लिए बैरी न...
अब क्यों मिले तुम मुझे मेरे इस हाल में जब दिल सोचने लगा की मर चुका मैं। अब क्यों मिले तुम मुझे मेरे इस हाल में जब दिल सोचने लगा की मर चुका मैं।
अब तुम ही बता दो जिंदगी बितानी है तो मैं उसे चुनूँ या नहीं। अब तुम ही बता दो जिंदगी बितानी है तो मैं उसे चुनूँ या नहीं।
मैं निर्बल नहीं, खत सी खुशियां भी बिखेर सकती हूं। मैं निर्बल नहीं, खत सी खुशियां भी बिखेर सकती हूं।
याद रखेंगे उसे शहीद जवानों में तुकाराम एक नाम था देश की मिसालों में। याद रखेंगे उसे शहीद जवानों में तुकाराम एक नाम था देश की मिसालों में।
नहीं होगा फिर क्लेश कोई, अदभुत होगा फिर सारा नज़ारा। नहीं होगा फिर क्लेश कोई, अदभुत होगा फिर सारा नज़ारा।
न सुबह अपनी न शाम अपनी दिन न जाने कहाँ खो गया ? न सुबह अपनी न शाम अपनी दिन न जाने कहाँ खो गया ?
आज भी मेरी रूह को हर पल सहमाता है। आज भी मेरी रूह को हर पल सहमाता है।
मेरे पितृ के बाणों "अर्जुन" से अभिमन्यु मरते नहीं। मेरे पितृ के बाणों "अर्जुन" से अभिमन्यु मरते नहीं।
तू धीर व वीर है तू लक्ष्मीबाई रानी है तेरी इक कहानी है तू जगत्जननी है। तू धीर व वीर है तू लक्ष्मीबाई रानी है तेरी इक कहानी है तू जगत्जननी ह...