वीर जवानों की कुर्बानी
वीर जवानों की कुर्बानी
ना भुला पाएंगे कभी वीर जवानो की कुर्बानी
चुनकर काँटो भरी राह दे दी हमको आजादी
एक एक कतरा बहा लहूँ उफ न मुहँ से निकली थी
अपने लहूँ से सींचा माँ को मौत गले लगा ली थी
मर मिटे जो शहीद देश पर उनको सलाम हम करते हैं
भर आँखों में सैलाब अश्रु का उनको सलाम हम करते हैं
हर रिश्ता हर नाता भुला कफन सिर पर बाँधा था
बन आजादी के परवाने स्वप्न आजादी का देखा था
न कोई होली थी उनकी न कोई दीवाली बनी
देकर प्राणों की आहुति बस एक अमर कहानी बनी
न भुला.....
जब तक सूरज चाँद रहेगा अमर रहेगी कुर्बानी
गंगा के पावन पानी सी पार्थिव की अमर कहानी
लहर लहर लहराकर तिरंगा वीरों की गाथा गाता है
सुन शहादत की कहानी आँखो में पानी भर आता है
ना भुला......