"वैसाखी पर्व है आया"
"वैसाखी पर्व है आया"
स्नान- दान ,पूजा -पाठ का महत्व दर्शाए वैसाखी त्यौहार
की घोर तपस्या भागीरथ ने ,इस दिन गंगा मां ने उनका सहर्ष किया तप स्वीकार।
धरती पर प्रकट हुई गंगा माता आह्लादित हुआ नर -नार ।
स्नान -दान------ वैसाखी त्योहार।
है श्रेष्ठ महत्व इस दिवस का ये
सिख धर्म के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की
वैसाखी उत्सव पर ही गुरु तेग बहादुर जी की शहादत की शुरुआत हुई ।
करें प्रवेश सूर्य मेष राशि में,
मेष सक्रांति का दिवस है कहलाए।
मिले सुखद अनुभूति अन्नदाताओं को,
लहलहाती फसलों को देख ,
आश्चर्य की हुई अनोखी भरमार।
स्नान -दान---------- त्योहार।
पकी फसलों को काटने का ,चाव निराला होता है
रबी फसलें पक जाती हैं जब,
अन्नदाताओं का चौड़ा सीना होता है।
मौसम में बदलाव का प्रतीक,
आभास कराए वैसाखी त्यौहार
ढोल -नगाड़ों सहित सभी ने,
स्वागत किया वैसाखी पर्व का अपरंपार।
स्नान -दान-------- त्यौहार।