चलता रहा
चलता रहा
ये जींदगी रुक गई थी,
राहें खो गई थीं
अंतिम मोड़ पर आ गई थी
जिस मोड़ पर ले आई तब
लग रहा था सफर
अब खत्म हुई
तब एक नई राह नजर आई
फिर चल दिया, आगे बढता रहा
मुश्किल जिंदगी की राहों
पर हमेशा लड़ता रहा,
तब भी परछाइयाँ ने साथ नहीं छोड़ा
जिंदगी की कड़ी धूप में
आगे आकर हस्तक्षेप करती रही
मैं देखकर उससे मुस्कुराता रहा
बस यूँ ही आगे बढ़ता रहा
छूट गई वह परछाइयाँ पीछे
यह मृदुल मन फिर चल पडा मंजिल की ओर
बस आगे चलता रहा चलता रहा!