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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Classics Inspirational

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Nand Lal Mani Tripathi pitamber

Classics Inspirational

वात्सल्य और माँ

वात्सल्य और माँ

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माँ तेरी गोद दुनियां का

अभिमान तेरी उंगली जीवन

पथ प्रदर्शक महान।।

माँ वात्सल्य मेरा तेरी दुनिया

संसार युग की सारी खुशियां

भूल ही जाती मेरा वात्सल्य ही

दुनियां संसार ।।


लाख शरारत करती तेरी

संतान क्रोध नही करती

 संतानों की हर छोटी

बड़ी शरारतों पे खुश होती

जैसे मिल गया हो तुमको

चाहत का संसार।।


 नटखट बचपन की किलकारी

जाने क्या क्या जिद करती

कभी चाँद कि चाहत कभी

दुनियां की चाहत का बचपन

 जिद्द रार।।


तेरे कहने पर पानी का अक्स

चांद तेरी ही मुस्कानों का राज तेरा

युग स्वर्ग भगवान।।

रात रात को जागती

तुझको सोने नही देती

औलाद फिर भी शिकवा

शिकायत नही दुनिआ में

तेरा नाज़।।


अपनी संतानों में दिखता नही

कोई अवगुण तेरी संतान तो गुणों की

खान कोई अगर शिकायत करता कोई

कर देती तू उसका मर्दन मान।।


माँ तू ममता की सागर मैं 

तेरी ममता का भूखा

तेरी त्याग तपस्या का पल पल।।

माँ तू वात्सल्य का बैभव

तेरी दुनियां धन दौलत

तेरी संतान ।।


माँ तेरी शिक्षा दृष्टी और

दिग्दर्शक माँ परिवरिश तेरा मेरा

संस्कृति सांस्कार।।

 माँ तू त्याग की मूरत

नही याथार्त तेरी करुणा


क्षमा का कोई नही जबाब।।

जननी तू लालन पालन करती

तू देव अविनि की सत्यार्थ साक्षात।।


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