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Sajida Akram

Inspirational

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Sajida Akram

Inspirational

उठो -जागो

उठो -जागो

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रोशनी के उस बेमिसाल,

नगीने के दीदार के लिए,

जिसने भोर के तारे को दी है,

एक नई परवाज़।


और देखो पूरब से आए बहेलिये,

चारों ओर बिखेर दी है,

अपनी जगमग किरणों को,

जब सुहानी भोर की पहली,

किरणें खिले हुए फूलों पर जमी

ओस की बूंदों पर पड़ती हैं।


तो धरती मोतियों सी

सजी प्रतीत होती है।

उठो-जागो रोशनी के उस,

बेमिसाल नगीने के दीदार के लिए।


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