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Dr.Pratik Prabhakar

Abstract

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Dr.Pratik Prabhakar

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उन्नति का साल

उन्नति का साल

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हो सिर्फ उत्थान चहुंओर

न दिखे पतन कोई हाल

हर दिन आशा से लिप्त

हर पल हो बड़ा कमाल

साथ छोड़ आलस्य भागे


तज दें अवनति-जंजाल

पा जाएं हर चाह सभी ही

न रहे किसी को मलाल

साकार स्वप्न,अग्रणी कदम


बाधा से जीतें, ले ढाल

हर दिन पर-स्व की मदद हो

निर्मल रहे सदा ख्याल

हे अग्रज, बंधु,मित्र शुभेक्छु


गले हो जीत का माल

मैं प्रतीक देता शुभकामनाएं

मंगलमय हो यह साल।


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