उन्नति का साल
उन्नति का साल
हो सिर्फ उत्थान चहुंओर
न दिखे पतन कोई हाल
हर दिन आशा से लिप्त
हर पल हो बड़ा कमाल
साथ छोड़ आलस्य भागे
तज दें अवनति-जंजाल
पा जाएं हर चाह सभी ही
न रहे किसी को मलाल
साकार स्वप्न,अग्रणी कदम
बाधा से जीतें, ले ढाल
हर दिन पर-स्व की मदद हो
निर्मल रहे सदा ख्याल
हे अग्रज, बंधु,मित्र शुभेक्छु
गले हो जीत का माल
मैं प्रतीक देता शुभकामनाएं
मंगलमय हो यह साल।
