उम्र हो गयी बासठ
उम्र हो गयी बासठ
बाल हो रहे सफाचट
उम्र हो गयी बासठ
दिमाग में चलती खटपट
दिल अभी भी है नटखट
अरे कहाँ घुसा आ रहा है
दो कदम पीछे हट
मेरे पर्सनल स्पेस में मत घुसना
मारूंगा एक झापड़
चलता हूँ अटक अटक
ध्यान जाये ना भटक
जीत और हार का
हिसाब क्या अब क्या लगाना ,
सिक्का मेरा ही तो है
चित्त गिरे या पट्ट