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Deepak Dixit

Others

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Deepak Dixit

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सांस तू बोर नहीं होती

सांस तू बोर नहीं होती

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आती है जाती है

रुकने का नाम नहीं लेती

इस बोझिल कवायत से

सांस तू बोर नहीं होती 


आने जाने के सिवाय

कुछ नया काम तुझे मिलता है या नहीं

एक सा काम किये जाती है

सांस तू बोर नहीं होती 


एक सा काम किये जाने पर

में तो बड़ी जल्दी बोर हो जाता हूँ

तेरा मिजाज़ कुछ अलग है तभी तो

सांस तू बोर नहीं होती 


तेरे ठहर जाने के बारे में

तू तो नहीं सोचती पर मैं

सोच सोच कर अक्सर डरता हूँ

क्या मेरे डरने के डर से

सांस तू बोर नहीं होती 


इस मतलबी दुनिया में

दिल की धड़कन की तरह

तू मेरी सच्ची मददगार है

वर्ना क्यों ऐसा होता है कि

सांस तू बोर नहीं होती ।


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