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Shaveta M

Abstract Inspirational

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Shaveta M

Abstract Inspirational

उम्मीदें

उम्मीदें

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जैसी भी हो लकीरें कुछ ख्वाहिशें अधूरी रह जाती हैं,

पर आएँगी खुशियां भी दुःख की घड़ियाँ ये कह जाती हैं


हो हर ख्वाब पूरा तो क्यों याद कोई करेगा खुदा को,

आखिर दुआओं से भी तो किस्मतें बदल जाती हैं


आता है उसी रात में तारों की चमक का मज़ा,

जिसमें समा कर हर रौशनी की किरण खो जाती है।


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