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anuradha nazeer

Abstract

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anuradha nazeer

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उम्मीद

उम्मीद

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इस की हर किसी से उम्मीद ना रखें ।

क्योंकि बहुत ही कम लोग दिल के धनवान होते हैं।


मुसीबतें रुई से भरे थैले की तरह होती है

 देखते रहे तो बहुत सारी दिखेंगी और

उठा लेंगे तो एकदम हल्की हो जाएंगे।


छाता और दिमाग तभी काम करते हैं

जब वो खुले हो बंद होने पर दोनों लगते हैं।


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