उजाला घर मे हो
उजाला घर मे हो
मन में जले दीप उजाला हर घर में हो
अंधेरा न कही जगमग हर शहर में हो!
चमके ललाट राष्ट्र रहे चमक तिरंगे की
सीमा बम धमाका कोई थोड़ा उधर में हो!
बच्चो के हाथ फुलझड़िया तन नए कपड़े
ऊंचे मकानो दिये रौनक थोड़ी इधर में हो!
जले दिये घर सबके मकान टूटा ही सही
खुशियो की चमक अब सबके नजर में हो!
कच्चा या पक्का घर रंगोली सजेगी सबके
मने दिवाली हिन्द लक्ष्मी हर बसर में हो!
आओ मिल जलाए दिये दिल भी मिलाये
सुख संपत्ति संपदा शांति हर गुजर में हो
मिले रिद्धी सिद्धि नित्य लक्ष्मी वास रहे
दुख दुर्भिक्ष दूर असर भारती हर बहर में हो!