उड़ान भर
उड़ान भर
ऐ चिड़िया
मत भूल
पंख मिले हैं तुझको।
हौसला पैदा कर
पँखों में जान भर
खुला आसमान है
मुक्त उड़ान भर।
वरना ऐ चिड़िया
होती रहेगी शिकार
शातिर समाज की
बार-बार
लगातार।
ऐ चिड़िया
मत भूल
पंख मिले हैं तुझको।
हौसला पैदा कर
पँखों में जान भर
खुला आसमान है
मुक्त उड़ान भर।
वरना ऐ चिड़िया
होती रहेगी शिकार
शातिर समाज की
बार-बार
लगातार।