उड़ परिंदे...............!
उड़ परिंदे...............!
हँस के जियो मेरे यार,
इस दुनिया मे है बहुत प्यार,
देख मत इनकी निगाहें,
अपने हिसाब से बारी- बारी से परख,
उड़ परिंदे........................... I
मैं क्या हूँ तुझे बताऊँ,
पर बेमतलब क्यों इन पंछी को सताउँ,
अपना हिसाब अपने पास रख,रे
हम तो परिंदे है कभी उड़ जायेंगे,
उड़ परिंदे........................... I
उड़ गया पंछी रह गया डाल,
उस डाल को पूछूँ क्या बाकी है,तेरे
पर कदम -कदम पर है डाल के सवाल,
बैठे परिंदे मचा दिया l बवाल
उड़ परिंदे........................... I
सब अपनी -अपनी माया मे जीवे,
क्यों मासुमि मे रहे,
चल गया वो सफर का मुसाफ़िर,
एक विश्राम से दुःख छोड़ गया l
कहाँ मिलेगा वो पंछीड़ा,
कच्ची थी डाल उसको पूछूँ तो वो ही टूट गयीl
अब क्या होगा मेरे यारा...........