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PK PANCHAL

Inspirational

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PK PANCHAL

Inspirational

तू जाग! उठ प्रहार कर

तू जाग! उठ प्रहार कर

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निज वतन से प्यार कर,

शत्रु का प्रतिकार कर,

तू जाग! उठ प्रहार कर।


शौक से कर सामना 

रण भूमि में, 

मर मिटो या मारना 

रणभूमि में,

दे रहा हो जो चुनौती 

शत्रु यदि ललकार कर।


तू जाग! उठ प्रहार कर।


तू अकेला इसलिए,

है नींव तेरी सत्य की,

पर न होती है विजित, 

ताकत कभी असत्य की,

तू जानता ये बात है,

तो बात ये स्वीकार कर।


तू जाग! उठ प्रहार कर।


दूर हो मंज़िल अगर,

मुश्किलों का हो सफ़र,

तो मुश्किलों को पार कर,

तू बैठना न हार कर।


तू जाग उठ प्रहार कर।



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