तुम्हारा साथ...
तुम्हारा साथ...
हर समय में, हर रूप में,
छांव में या धूप में,
हर रंग में, हर द्वन्द्व में,
दुर्भाग्य में, आनंद में,
हर मौन में, हर चीख में
अपराध में या सीख में,
हर समर में, हर शांति में,
उजली सुबह या भ्रांति में,
तुम चलोगी साथ तो,
हर मंजिलें मिल जाएंगी।