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Shubhra Ojha

Abstract

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Shubhra Ojha

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तुम्हारा दिल

तुम्हारा दिल

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बात- बात पर मेरा नंबर ब्लॉक कर देती हो

करूँ जो वीडियो कॉल तो फ़ोन काट देती हो,


जो कभी ना देखूँ तुम्हारा स्टेटस

तो पूरे महीने तुम मेरा स्टेटस देखती नहीं हो,


रहती हो इस तरह खफा कि

बातें नहीं करती पूरे दिन मुझसे


लेकिन मन ही मन मुझसे ही बतियाती हो,

मुझे पता हैं रह नहीं सकती तुम मेरे बिन


फिर भी ये बात मुझसे ही छिपाती हो,

लिखती रहती हो मुझको ही अपनी ग़ज़लों में


फिर उन्ही ग़ज़लों को दुनिया को सुनाती हो,

ये देखो, तुम्हारा दिल हैं मेरे पास


फिर मेरे दिल को अपना क्यों बताती हो,

जब भी पूछता हूंँ तुमसे हमारा रिश्ता


दोस्ती बताकर प्यार जताती हो।


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